Sunday, November 13, 2016

सबसे बड़ा रुपैया


न मुन्ना न ! आज नहीं 
कल ले लेंगे 
नया खिलौना
ये वाला अच्छा नहीं
कहकर बच्चे को समझाना
बिटिया से कहना कि -

बस वो जो तीसरी लाईट दिख रही है न! 
उस तक पैदल चल

वहां से रिक्शा में बैठना
परेशानियों की कड़के की धूप में 

तलाशते हुए छईयाँ 
एक लाचार माँ ही बता सकती है, 

क्या होता है -
सबसे बड़ा रुपैया 

1 comment:

  1. बहुत ही उम्दा .... sundar lekh .... Thanks for sharing this nice article!! :) :)

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