कुछ नहीं तो सिर्फ "सा रे ग म प ध नि सा" ही सही
रेडियों पर गीत सुनने का शौक आज यहां तक लाया --
कुछ गीत रिकार्ड किये
जब तब अकेले में गीत गुनगुनाने से मन बहल जाता है, कोई भी चिंता -परेशानी हो- तो बस गीतों के खजाने से एक गीत चुनों और सुनो।
साथ तो आप स्वत: ही गुनगुनाने लगेंगे पता भी नहीं चलेगा। ..
चाहें तो आप भी सुन सकते हैं। ....अपना अनुभव बताईयेगा ।
रेडियों पर गीत सुनने का शौक आज यहां तक लाया --
कुछ गीत रिकार्ड किये
जब तब अकेले में गीत गुनगुनाने से मन बहल जाता है, कोई भी चिंता -परेशानी हो- तो बस गीतों के खजाने से एक गीत चुनों और सुनो।
साथ तो आप स्वत: ही गुनगुनाने लगेंगे पता भी नहीं चलेगा। ..
चाहें तो आप भी सुन सकते हैं। ....अपना अनुभव बताईयेगा ।
रंग तोगन के बाद स्वच्छ भारत के जैसा नजर आ रहा है ब्लॉग...बधाई
ReplyDeleteअर्चना ,कमाल है . कितना कुछ करती रहती हो लगभग सभी गीत सुन डाले .मुझे जो तुमने रिकार्ड करना सिखाया था मैं भूल भी गई . अब किसी दिन बैठकर फिर सीखूँगी .
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