टॉप कभी किया नहीं तो सोचना पड़ेगा , गुड -बेटर- बेस्ट पढ़ा था 9वीं क्लास में शायद , खूब रटा था रे बाबा, ये टॉपर भी बेटर का भाईबंदी होगा ,पर फिर टोपेस्ट कहाँ ,किस मेले में गुम हो गया होगा?खैर! हम हिंदी मीडियम वाले,अंग्रेजी शब्दों को समझने के लिए जात -पात के फंडे को अपनाते हैं ,जैसे बच्चों का चेहरा माँ-बाप से मिलता -जुलता लगता है वैसे अंग्रेजी भी एक फेमेली वाले मिल जाते हैं, और संधि-विच्छेद करके समझें तो टॉप पर ,अब टॉप पर तो एवरेस्ट की चोटी के बारे में पढ़ते समय ही जाना था कि सबसे ऊंचाई पर टॉप होता है जो उस पर चढ़ जाए उसी को टॉपर कहते होंगे , सोचो कोई एवरेस्ट की चोटी अगर नीचे कर लें तो ....भारतीय जुगाड़ियों का कोई भरोसा नहीं ,कुछ भी कर सकते हैं, व्यापम नहीं सुना क्या? 😊 आज तक पता न चल पाया कि टॉप पर था कौन जो इतनों को ऊपर से लटका के छोड़ दिया .... कई तो लटके लटके ऊपर चले गए पर टॉप पर न पहुंच पाए....
टॉप पर संजीवनी बूटी बहुतायत में मिलती होगी शायद तभी इतनी मेहनत से पहुंचने की जुगाड़ में लगे रहते हैं जुगाड़ी....
इन दिनों हमको भी चस्का हो आया है टॉपर बनने का,पकड़ लिए हैं जुगलबंदी की रस्सी ,अभी लटके हुए हैं,अनुभव के साथ उम्र का लफड़ा न होता तो पहुँच चुके होते अब तक ....टॉप पर, कहलाते - टॉपर ......
न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
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