न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत शुक्रिया अर्चना जी। आपने शायद ध्यान नहीं दिया, अभी तीन-चार महीने पहले ही मैंने इस ब्लॉग पर दो कहानियां- डेरा उखड़ने से पहले और तुलसी तहाँ न जाइये, पोस्ट की हैं 😜😜 :D;)
बहुत ही बढ़िया है.
बहुत ही सुंदर आवाज में कहानी सुनायी अर्चना जी, कहानी तो सशक्त है ही, बहुत शुभकामनाएं.रामराम#हिन्दी_ब्लॉगिंगप्लीज कैप्चा हटा लिजीये.सादर
बहुत शुक्रिया अर्चना जी। आपने शायद ध्यान नहीं दिया, अभी तीन-चार महीने पहले ही मैंने इस ब्लॉग पर दो कहानियां- डेरा उखड़ने से पहले और तुलसी तहाँ न जाइये, पोस्ट की हैं 😜😜 :D;)
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया है.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर आवाज में कहानी सुनायी अर्चना जी, कहानी तो सशक्त है ही, बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
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सादर