Saturday, May 29, 2021

शतायु की कामना

ये मेरे छोटे फूफाजी हैं।बुआ और फूफाजी की जब शादी हुई तो रितिरिवाज और रहनसहन ,भाषा सब कुछ अलग था दोनों काा

, फूफाजी महाराष्ट्र केऔर बुआ मध्यप्रदेश की ।
उस समय में जब लड़कियां बहुत कम पढ़ती थी हमारे समाज में ,बुआ ने एमएससी किया था।
शादी के बाद वे पूरी तरह से महाराष्ट्रीयन लगती थीं। भाषा भी मराठी ,और चंद्रपूर में भुसारी मैडम (टीचर)के नाम से उन्होंने अपनी पहचान बनाई।
समय बीता और दो बेटियों को इंजिनियर बनाया।
वही उनके बेटे भी हैं।
बुआ रिटायर हुई ,और डायबिटीज की गिरफ्त में आने पर हम उनके सानिध्य से वंचित हो गए।
बुआ की बड़ी बेटी को करीब 11 वर्ष पहले किडनी डोनेट की फूफाजी ने।
 आज वे और फूफाजी दोनों स्वस्थ हैं और फूफाजी अपना 80वा जन्मदिन मना रहे हैं।
यही बड़ी बेटी भावना है 


ईश्वर उन्हें शतायु करे।

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