बाद में कभी दौड़ने का मौका नहीं मिला,और ये ईच्छा दबी रही ।
फिर ब्लॉगिंग करते करते ब्लॉगर सतीश सक्सेना जी की कई पोस्ट पढ़ने में आई दौड़ने के बारे में फिर प्रेरणा मिली कि अब भी देर नहीं हुई है।
इस साल की शुरुआत में सुबह की सैर के समय एक ग्रुप से मुलाकात हुई वो एक कोच रमेश सर के निर्देशन में व्यायाम कर रहे थे,उन्हें ज्वॉइन किया, पता चला वे इंदौर मैराथन AIM की तरफ से अपाइंट किए गए हैं,लोग अच्छे थे,ग्रुप अच्छा था और सबसे बड़ी बात कि नियमित है।
अब पिछले तीन सालों से मौका मिल रहा है और सतत भाग ले रही हूं पांच किलोमीटर मैराथन में।
पहली बार निलेश ने शुरू करवाया 2021में
दूसरी बार 2022 की शुरुआत में जिस पर ब्लॉग पोस्ट लिखी जा चुकी है।ये AIM को ज्वॉइन करने के बाद वर्चुअल की थी।
और ये रही तीसरी मैराथन
फिनिश की हमने
इस बार की मैराथन यादगार बन गई मेरे लिए -
रूट पर कहीं यू टर्न नहीं दिखा तो कन्फ्यूजन हुआ,और इंडस्ट्री एरिया किस जगह को कहते हैं मुझे कोई आईडिया नहीं था,मेरे माइंड में ये था कि यू टर्न पर वालेंटियर होंगे।
क्योंकि हम स्कूल की दौड़ में टर्न बताने को वालेंटियर हमेशा रखते थे,तो स्टार्टिंग प्वाइंट पर पूछा भी नहीं, और करीब पच्चीस तीस पार्टिसिपेंट को यही टर्न नहीं मिला ।
खैर अंत भला तो सब भला।
मैं भी LIG से वापस हुई 😂😂,
सबसे मजेदार बात ये हो गई कि मेरी नातिन मायरा आठ वर्ष और मैं एक साथ दौड़े पहली बार एक इवेंट में और उसकी रेंक उसका टाईम मुझसे बेहतर रिकार्ड में आया क्योंकि मैं आगे निकल गई थी और वो शायद इंडस्ट्री हाउस से थोड़ा आगे आई तभी किसी ने उसे वापस मुड़ने को कह दिया उसने मेरी राह नहीं देखी वहीं से वापस हो ली हम बिछड़ गए थोड़े समय के लिए।उसकी ओवरऑल रेंक 247और मेरी 280रही।
मुझे खुशी हुई की उसने रेस फिनिश की 👍
बहुत बहुत बधाई आप दोनों को, आपकी पोस्ट से फिर एक बार सिद्ध हो जाता है कि उम्र कोई भी हो यदि मन में जज्बा हो तो इंसान अपने सपने पूरे कर सकता है, औरों के लिए प्रेरणा भी बन सकता है
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
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