Friday, July 31, 2009

विस्तार है अपार...............शायद आपने सुना न हो..........

बात बहुत पुरानी है , ----करीब १९८६-८७ की...........भुपेन हजारिका जी का एक एलबम आया था...........उसके सब गीत कर्णप्रिय थे ...........एक यह गीत मुझे बहुत ही अच्छा लगता था.......आज भी लगता है.............शायद आपको भी अच्छा लगे..................
विशेष:-------------इस गीत के बारे में मुझे कुछ और जानकारी नही है...........बस अच्छा लगता है इसलिए गाया है.........सुनिए...............मेरी आवाज मे...........

4 comments:

  1. sach me sundar geet hai..bahut acchha gaya aapney

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  2. गाना मुझे भी बेहद पसन्द है और आपने उम्दा गाया है....

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  3. बहुत उत्कृष्ट है!

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  4. अर्चना जी बहुत अच्छा गया है आपने..अच्छा लगा :)

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