Friday, August 20, 2010

"आँख का पानी"-------------------राकेश खंडेलवाल जी का एक गीत


आज सुनिये राकेश खंडेलवाल जी का एक गीत---------पढना होगा इसे यहाँ ---------इस ब्लॉग पर ---------

8 comments:

  1. कविता और स्वर!
    --
    दोनों का जवाब नही!
    --
    इस खारे पानी की सरिता में तो
    सागर समाया हुआ है!

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  2. लगा कि स्वर से अश्रु टपक रहे हैं। सुन्दर।

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  3. nahin sun sakta
    ghar pe sunoonga.. par pata hai achchha hi hoga..

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  4. वाह!! बहुत सुन्दर गायन...राकेश जी के गीत यूं भी अद्भुत होते हैं...आनन्द आ गया.

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  5. यही कहना सही रहेगा ...बेहतरीन प्रस्तुति ...!

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  6. बहुत खूब ! अच्छा गाया आपने !

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