न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Wednesday, August 25, 2010
राखी
राखी पर्व पर विशेष...........................................................................................
......................................................................शुभकामनाए..........
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ईश्वर से सभी ब्लोगर बन्धुओं के सुखद भविष्य की कामना के साथ सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं....
आज एक कविता ---पुरानी (पिछले साल की पोस्ट)
राखी नहीं सिर्फ़ धागा या डोर ,
बंधता है इसमें एक छोर से दूसरा छोर ,
नहीं बन्धन ये सिर्फ़ कलाई का ,
इसमें छुपा है दर्द जुदाई का ,
मिलन की रहती सदा इसमे आस है ,
रिश्ता ये ऐसा जो हर दिल के पास है ,
निभा सके हम इसे जीवन भर ,
आओ संकल्प करें इस रक्षाबंधन पर..............
.....
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteShubh Rakhee.
ReplyDeleteरक्षाबंधन तो कित्ता प्यारा त्यौहार है.. ढेर सारी बधाइयाँ.
ReplyDelete______________________
"पाखी की दुनिया' में 'मैंने भी नारियल का फल पेड़ से तोडा ...'
ब़ढ़िया रचना है!
ReplyDelete--
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteब़ढ़िया रचना है!
ब़ढ़िया रचना है!
ReplyDelete--
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
ब़ढ़िया रचना ...रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteप्यारी पोस्ट ! शुभकामनायें !
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना जी,रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर कविता है।
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