Friday, August 27, 2010

सीख.....फिर वही-- पर सौ आने सही --

आज फिर एक पुरानी पोस्ट जिसे किसी ने पढ़ा नहीं था ............


ऐसी कोई लाइने नही है मेरे पास,


जिनमे हो कुछ अलग,


 या कुछ खास,

पता नही लोग ऐसा क्या लिख देते है,

जिसे पढ़कर सब उन्हें कवि कह देते है,

आज तक नया कुछ नही पढने में आया है,

जो माता -पिता ने बताया -


वही सबने दोहराया है,

शायद इसलिए,


क्योकि जब वे कहते है,

तब समय रहते हम उन्हें नही सुनते है,

उनके "जाने" के बाद,


परिस्तिथियों से लड़कर ,

या डरकर ,


हम उन्हें याद करके,

अपना सिर धुनते है।

मैंने भी उन्हें सुना और उनसे सीखाहै,

और अपने अनुभवों को आधार बना कर फ़िर वही लिखा है ---


१.सदा सच बोलो।

२.सबका आदर करो।

३.बिना पूछे किसी की चीज को मत छुओ।

४.किसी को दुःख मत दो।

५.समय पर अपना काम करो।

६.रोज किसी एक व्यक्ति की मदद करो।

७.अपने हर अच्छे कार्य के लिए ईश्वर को धन्यवाद् दो और बुरे के लिए माफ़ी मांगो।

22 comments:

  1. जो माता -पिता ने बताया -
    वही सबने दोहराया है,
    शायद इसलिए,

    sari baten 16 ane sach hai...
    ........Masi ji

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  2. पोस्ट के बहाने बड़ी बात कह दी आपने, सार्थक पोस्ट , .

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  3. हम इसे नेकदिल पोस्ट कहेंगे !

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  4. ओके जी..ऐसा ही करेंगे.

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  5. अनुभव अच्छे हैं ...
    इन्हें पास रखिये .....कविता के शब्द यूँ ही जुड़ते रहेंगे .....!!

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  6. सारी बातें महत्वपूर्ण।

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  7. प्रयास करेंगे कि इन बातों का पालन करें।
    पहले किसी ने नहीं पढ़ा था, इससे इन बातों का महत्व कतई कम नहीं हुआ, पुनर्प्रस्तुति के लिये धन्यवाद।

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  8. साधुवाद!
    विस्मृत नैतिकता, सीख के साथ सदुपयोग।
    कवि के ह्रदय से निकले,और पाठक के दिल में समाये, बस हो गई कविता

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  9. जानते सब हैं लेकिन मानता कोई नहीं......

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  10. सारी बातें महत्वपूर्ण।

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  11. आपके परिजनों ने सारी काम की बातें बताई है
    अच्छा लगा आपकी भावनाएं पढकर
    आपको बधाई

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  12. बहुत सुंदर जी, धन्यवाद

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  13. बहुत सुंदर पोस्ट. उपयोगी सीख.

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  14. पुनर्प्रस्तुति के लिये धन्यवाद। ..

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  15. अर्चना जी ,
    आपने यह बात सही कही है की जब माता -पिता कहते हैं तब हम ध्यान नहीं देते हैं ...पर बाद में वही बातें याद करते हैं ....अच्छी सीख देती प्रेरणाप्रद
    रचना

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  16. माधुर्य और सुरीलापन बसा है जिनके कंठों में , उन अर्चना जी को मेरा नमस्कार !

    सच्चे कलाकार में ही सच्चा इंसान होता है
    आपकी पोस्ट से साबित हो रहा है ।

    आपने जो कुछ कहा 24 कैरेट शुद्ध !
    यानी सौ टके सही !!
    बधाई और शुभकामनाएं …
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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