Friday, September 10, 2010

देख अचरज..........दीपक "मशाल" की गज़ल.....

सुनिए-- गज़ल दीपक"मशाल" की......
 


दीपक"मशाल" की आवाज में यहाँ--मसि-कागद

एक कहानी भी --"दाग अच्छे हैं"

11 comments:

  1. मधुर स्वर से सुसज्जित सुन्दर गज़ल

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  2. वाह वाह मधुरम ओर सुंदरम

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  3. बहुत मधुर, सदैव की भाँति।

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  4. अर्चना जी!
    दीपक मशाल जी की सुन्दर गजल को
    आपने अपने स्वर से धन्य कर दिया है!
    --
    गजलकार और गायिका
    दोनों को बधाई !

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  5. बढ़िया प्रस्तुति...
    गणेश चतुर्थी और ईद की हार्दिक शुभकामनाएं...

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  6. गजलकार और गायिका
    दोनों को बधाई !

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  7. मासी आभारी हूँ इस नाचीज की ग़ज़ल को अपनी बेहतरीन आवाज़ में गाने के लिए..

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  8. शब्द और स्वर दोनों मान को छूने वाले हैं ।
    आप दोनों को बधाई..... गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ।

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  9. बेहतरीन आवाज़ में गाने के लिए.....
    गजलकार और गायिका
    दोनों को बधाई !

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  10. ग़ज़ल भी अच्छी है और आवाज़ भी मधुर...........बहुत सुन्दर धुन है...........आपको बधाई..........

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  11. ग़ज़ल भी अच्छी है और आवाज़ भी मधुर...........बहुत सुन्दर धुन है...........आपको बधाई..........

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