Sunday, November 14, 2010

उफ़्फ़... ये पिद्दे और इनकी अदाएं......बाल दिवस पर विशेष

 आज मन था मेरे गाये बच्चों के गीत सुनवाने का ,पर किसी कारण से अभी नहीं सुनवा पा रही हूँ ,शायद शाम तक .....तब तक रविवार बिताइये इनके साथ----

 बच्चे मन के सच्चे----

 रेलगाड़ी रेलगाड़ी---

 मुन्ना बड़ा प्यारा----

 चुन-चुन करती--
 

लकड़ी की काठी--


 म्याँऊ-म्याँऊ------


 नानी तेरी मोरनी(नया)---



ईचक दाना----


काबुली वाला आया---

चंदामामा दूर के ---


मैने कहा फ़ूलों से ---


रे मामा रे मामा रे-----

चंदा है तू----


है ना बोलो बोलो----


 बोल मेरे मुन्ने----


कुछ और याद आ रहे थे --अभी नही मिल पाये ---
तीतर के दो आगे तीतर .....
मुर्गा-मुर्गी प्यार से देखे....
और-और-और-------

18 comments:

  1. वाह
    सारे खोज लिये
    मज़ेदार

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  2. वाह, बहुत सुंदर...सचमुच, बच्चे मन के सच्चे होते हैं।

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  3. बहुत बढ़िया गीत लगाए है!
    बाल दिवस की बधाई!

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  4. अर्चना दीदी,

    अरे गजब !
    ये तो पूरा बाल मेला है !
    मान गए आपको :)

    मस्त पोस्ट ऑफ़ द डे :)

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  5. "ला-जवाब" जबर्दस्त गीत लगाए है!

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  6. थैंक यू...... थैंक यू
    सारे गाने बहुत अच्छे हैं...... आजकल मैं जहाँ हूं मुझे हिंदी गाने देखने को नहीं मिलते...... फिर इतने सुंदर गाने लगाये आपने पोस्ट में ... यहाँ तो बार बार आना पड़ेगा......एक बार फिर थैंक यू :)
    बाल दिवस की शुभकामनायें सादर

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  7. अरे वाह !! आपने तो बचपन की याद दिला दी.. :)

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  8. इतने सारे गीत एक जगह .. वो भी एक ही तरह कि ... मज़ा आ गया ..

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  9. संग्रहणीय पोस्ट, सारे के सारे दमदार।

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  10. सुन्दर संकलन, बाल दिवस की शुभकामनायें!

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  11. बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !

    आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।

    बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !

    आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें

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  12. बाल दिवस पर सबसे लाजवाब पोस्ट । अब सब एक एक कर सुनेंगे और अपने बचपन को याद करेंगे । धन्यवाद ।

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  13. एकाद तो पाठकों के लिए छोड़े होते। :)

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