न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
बहुत सच बात।
उपयोगी सलाह!
अति सुन्दर!
सत्य वचन जी धन्यवाद
सत्बचन जी, सत्बचन।
WAah Bahut Khub........
बहुत सच बात।
ReplyDeleteउपयोगी सलाह!
ReplyDeleteअति सुन्दर!
ReplyDeleteसत्य वचन जी धन्यवाद
ReplyDeleteसत्बचन जी, सत्बचन।
ReplyDeleteWAah Bahut Khub........
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