न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
वक़ील साब को नमस्ते दीजिये हमारा भी
यह पोस्ट सबसे बढ़िया लगी ...वाकई ! आप दोनों यूं ही बने रहें ...! शुभकामनायें !
बचपन कहाँ भूल जाता है ...
मन का बच्चा बचा रहे।
आपकी पोस्ट से हमें भी अपना बचपन याद आ गया!
बचपन कहाँ भूल जाता है
फिल्म दीवार का एक सम्वाद याद आ गया थोड़ा बदलकरःहम दोनों चाहे कितने भी बड़े क्यूँ न हों जाएँ, हमारे बचपन कभी बड़े नहीं होने देते!
कोई लौटा दे मेरे बचपन के दिन ...सब याद करते हैं बचपन को और आप जीते हैं कितना फर्क है ....शुक्रिया
बहुत खुब होना भी चाहिये. धन्यवाद
:)
एक हैं चला बिहारी ब्लॉगर बनने की जगह होना चाहिएचला ब्लॉगर बच्चा बननेऔर मैं मुन्ना बन गया हूंनाम मेरा भी घर का मुन्ना ही हैऔर सबका भाई हूं मैंसिर्फ एक अपनी श्रीमती जी को छोड़करहा हा हामन प्रसन्न हुआ इस पोस्ट को पढ़देखकर कर
वक़ील साब को नमस्ते दीजिये हमारा भी
ReplyDeleteयह पोस्ट सबसे बढ़िया लगी ...वाकई ! आप दोनों यूं ही बने रहें ...!
ReplyDeleteशुभकामनायें !
बचपन कहाँ भूल जाता है ...
ReplyDeleteमन का बच्चा बचा रहे।
ReplyDeleteआपकी पोस्ट से हमें भी अपना बचपन याद आ गया!
ReplyDeleteबचपन कहाँ भूल जाता है
ReplyDeleteबचपन कहाँ भूल जाता है ...
ReplyDeleteफिल्म दीवार का एक सम्वाद याद आ गया थोड़ा बदलकरः
ReplyDeleteहम दोनों चाहे कितने भी बड़े क्यूँ न हों जाएँ, हमारे बचपन कभी बड़े नहीं होने देते!
कोई लौटा दे मेरे बचपन के दिन ...सब याद करते हैं बचपन को और आप जीते हैं कितना फर्क है ....शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत खुब होना भी चाहिये. धन्यवाद
ReplyDelete:)
ReplyDeleteएक हैं चला बिहारी ब्लॉगर बनने की जगह होना चाहिए
ReplyDeleteचला ब्लॉगर बच्चा बनने
और मैं मुन्ना बन गया हूं
नाम मेरा भी घर का मुन्ना ही है
और सबका भाई हूं मैं
सिर्फ एक अपनी श्रीमती जी को छोड़कर
हा हा हा
मन प्रसन्न हुआ इस पोस्ट को पढ़देखकर कर