Saturday, February 5, 2011

मै और मुन्ना....अब भी छोटे है....

                                      मै और देवेन्द्र (मेरा भाई-जिसके गीत आप सुनते है।)
बेचारे बच्चे.....पर क्या करें हम अपना बचपन नहीं भूलते ....बस जब भी मिलते है---- बच्चे बन जाते है....

12 comments:

  1. वक़ील साब को नमस्ते दीजिये हमारा भी

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  2. यह पोस्ट सबसे बढ़िया लगी ...वाकई ! आप दोनों यूं ही बने रहें ...!
    शुभकामनायें !

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  3. बचपन कहाँ भूल जाता है ...

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  4. मन का बच्चा बचा रहे।

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  5. आपकी पोस्ट से हमें भी अपना बचपन याद आ गया!

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  6. बचपन कहाँ भूल जाता है

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  7. बचपन कहाँ भूल जाता है ...

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  8. फिल्म दीवार का एक सम्वाद याद आ गया थोड़ा बदलकरः
    हम दोनों चाहे कितने भी बड़े क्यूँ न हों जाएँ, हमारे बचपन कभी बड़े नहीं होने देते!

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  9. कोई लौटा दे मेरे बचपन के दिन ...सब याद करते हैं बचपन को और आप जीते हैं कितना फर्क है ....शुक्रिया

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  10. बहुत खुब होना भी चाहिये. धन्यवाद

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  11. एक हैं चला बिहारी ब्‍लॉगर बनने की जगह होना चाहिए
    चला ब्‍लॉगर बच्‍चा बनने
    और मैं मुन्‍ना बन गया हूं
    नाम मेरा भी घर का मुन्‍ना ही है
    और सबका भाई हूं मैं
    सिर्फ एक अपनी श्रीमती जी को छोड़कर
    हा हा हा
    मन प्रसन्‍न हुआ इस पोस्‍ट को पढ़देखकर कर

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