Tuesday, May 17, 2011

मेरे अनुज की रचनाएं --

मेरे अनुज के ब्लॉग "घोंसला" से उसकी कुछ रचनाएं.....ब्लॉगर की मेहरबानी से एक बार फ़िर से ----(दो सुन चुके होंगे --दो बाकी हैं )


 काश सुन पाते----



अनुभव---



न जाने क्यों----



बिटिया----



7 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर रचना।

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  2. बहुत सुंदर और बढ़िया!

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

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  4. आपकी आवाज़ ने राजीव जी की रचनाओं तक पहुंचाया। सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक हैं और ‘न जाने क्यों ?‘ तो सबसे बढ़कर लगी मुझे , न जाने क्यों ?

    http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/05/exploitation.html

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  5. दीदी,प्रणाम.आपने मेरी रचनाओं (जो किसी न किसी रूप में मेरा अंश है) को अपनी आवाज देकर उसे जो स्थायित्व प्रदान किया है,उसके लिए मैं सदा आपका आभारी रहूँगा. आपकी आवाज में अपनी कविताओं को सुनना एक सुखद और सुकून-भरा अनुभव है मेरे लिए.

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