Sunday, May 22, 2011

किसी को पता है ?

किसी से सुना है एहसानों के बोझ तले दब जाता है आदमी,
पर पता नहीं एहसानों को उठाने कब जाता है आदमी..........

9 comments:

  1. सार्थक सटीक है यह सच्चाई

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  2. बहुत खूब ....
    :-)

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  3. @एहसानों को उठाने कब जाता है आदमी...
    जब ज़रूरत का बोझ अहसान से ज़्यादा लगता है तब व्यापारी इंसान ऐहसान उठा लेता है, अक्सर यूँ होता है कि ज़रूरत पूरी होते ही अहसान बोझ लगने लगता है}

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  4. ये ब्ब्बात!!!!

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