Sunday, July 10, 2011

एक गज़ल दुबई से...







एक प्रयास किया है ....दिगम्बर नासवा जी की गज़ल को गाने का.....सुनिए...





 धीरे धीरे बर्फ पिघलना ठीक नही..................

21 comments:

  1. वाह! दो श्रेष्ठ जन एक ही पोस्ट में मिल जायें तो यह तो मेरे लिये लॉटरी खुलने जैसी बात हुई!

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  2. बहुत बढ़िया ग़ज़ल और आपका सुर!
    आनन्द आ गया सुनकर!

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  3. दुबई वाले शायर को और आपके स्नेह को शुभकामनायें !!

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  4. बहुत अच्छा लगा आपके स्वर में सुनना

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  5. archna ji aur digamber ji - do maharathi ek saath

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  6. वाह ... अर्चना जी आपने तो मेरे शब्दों को आवाज़ दे दी ... गज़ल को मायने दे दिए ... बुत बहुत शुक्रिया ...

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  7. सोने पे सुहागा...खूबसूरत

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  8. वाह जी, आप दोनों के लिए ही बल्ले बल्ले

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  9. आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
    प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
    कल (11-7-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
    देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
    अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

    http://charchamanch.blogspot.com/

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  10. दिगंबर जी की गज़लें अपना एक अलग ही स्थान रखती हैं..और आप तो सबसे अलग खादी हैं ही.. जब मिलकर दोउ एक बरन भए संगीतसरी नाम परयो!!

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  11. शब्द और आवाज़ बेहतरीन .... दिगंबर जी की रचनाएँ गहन अभिव्यक्ति लिए होती हैं....आभार आपका इस सुंदर प्रस्तुति के लिए

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  12. सुर में ढल कर रचना में और निखार आ जाता है।
    बधाई।

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    TOP HINDI BLOGS !

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  13. रचना और स्वर .......दोनों लाजवाब

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  14. DIGAMBAR NASWA JI BAHUT ACHCHHAA
    LIKHTE HAIN .AAPKEE RESHMEE AAWAAZ
    MEIN UNKEE GAZAL SUNKAR AANANDIT
    HO GYAA HOON .

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  15. Digambar ji ki laajabaab ghazal aur aapki bahut pyari aavaaz maja aa gaya sunkar.aap dono ko dheron badhaai.

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  16. अर्चना जी,सुन्दर गायन से गजल की अभिव्यक्ति गजब की लगती है.ऐसा लगता है कि मिश्री सी घुल रही हो कानों में व अनुपम अर्चन हो रहा हो.

    शानदार प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है.
    कृपया,निमंत्रण स्वीकार कीजियेगा.

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  17. तब पढ़ने में आनन्द आया था, आज सुनने में।

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  18. wah ji ....
    bahut achcha....
    apji awaj aur gazal puchhiye mat.

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  19. बहुत ही खूबसूरत गजल...बधाई.

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  20. आवाज़ और शब्द दोनो को बधाई ।

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