न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
शब्दों की ज़ादूगरी ...बहुत सुन्दर
सुंदर शब्दों में सुंदर सी कविता
बिल्कुल सच कहा ...
शब्दों का उलट फेर ... ये जीवन भी तो उलट फेर है ...
अपनों का सपना और सपनों का अपना, दोनों ही अच्छे लगते हैं।
सपने के बारे में सच कहा आपने...
हलके-फुल्के अंदाज़ में बहुत ही गहरी बात!!
सपने आखिर सपने हैं, चाहे अपने हों या पराए।
सपनों की दुनिया
शब्दों की ज़ादूगरी ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
सुंदर शब्दों में सुंदर सी कविता
ReplyDeleteबिल्कुल सच कहा ...
ReplyDeleteशब्दों का उलट फेर ...
ReplyDeleteये जीवन भी तो उलट फेर है ...
अपनों का सपना और सपनों का अपना, दोनों ही अच्छे लगते हैं।
ReplyDeleteसपने के बारे में सच कहा आपने...
ReplyDeleteहलके-फुल्के अंदाज़ में बहुत ही गहरी बात!!
ReplyDeleteसपने आखिर सपने हैं, चाहे अपने हों या पराए।
ReplyDeleteसपनों की दुनिया
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