सारी कहानियां , अर्चना जी की आवाज़ और काजल साहब का अंदाज़ कुल मिला कर हसीन कोम्बिनेशन ! खासकर "औरत और औरत " अपने कथ्यशिल्प, कथावस्तु और प्रस्तुतिकरण तीनों में बेजोड़ जान पडी. शुक्रिया! काजल जी और और अर्चना जी!!
काजल कुमार जी को मई एक कार्टूनिस्ट के तौर पर ही जानता था, जब एक दिन उनका कहानियों वाला ब्लॉग देखा तो आनंद आ गया. बहुत अच्छी कहानियां लिखते हैं. बहुमुखी व्यक्तित्व के धनि को मेरा सेल्यूट.. और पॉडकास्ट के लिए आपका आभार
रोचक लघु कथायें..
ReplyDeleteसारी कहानियां , अर्चना जी की आवाज़ और काजल साहब का अंदाज़
ReplyDeleteकुल मिला कर हसीन कोम्बिनेशन !
खासकर "औरत और औरत " अपने कथ्यशिल्प, कथावस्तु और प्रस्तुतिकरण तीनों में बेजोड़ जान पडी.
शुक्रिया! काजल जी और और अर्चना जी!!
धन्यवाद अर्चना जी :)
ReplyDeleteकाजल कुमार जी को मई एक कार्टूनिस्ट के तौर पर ही जानता था, जब एक दिन उनका कहानियों वाला ब्लॉग देखा तो आनंद आ गया. बहुत अच्छी कहानियां लिखते हैं. बहुमुखी व्यक्तित्व के धनि को मेरा सेल्यूट.. और पॉडकास्ट के लिए आपका आभार
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा आपकी आवाज में काजल जी की लघु कथायें सुनना! इसी बहाने उनके कार्टून भी देख लिये। धन्यवाद!
ReplyDeleteमल्टी टैलिन्टिड व्यक्तित्व के स्वामी हैं काजल भाई। इस पोड्कास्ट को 'one more feather to crown'(for both of you) कह सकते हैं।
ReplyDeleteकाजल कुमार जी की कहानियों या लघु कथाओं को सुनकर अच्छा लगा .
ReplyDeleteदूसरी कथा में सिगरेट वाली के सोचने के दृष्टिकोण में अंतर था
या कहूँ लघु विचार .