संजय अनेजा जी के ब्लॉग मो सम कौन कुटिल खल ......?से एक पोस्ट
कोई चेहरा भूला सा
इस पोस्ट के बारें में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा सिर्फ़ सुना और महसूस किया जा सकता है --
जो भी प्लेयर चले दोनों में से -
कोई चेहरा भूला सा
इस पोस्ट के बारें में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा सिर्फ़ सुना और महसूस किया जा सकता है --
जो भी प्लेयर चले दोनों में से -
ये पता होता कि सुनने को मिल जाएगा लेख तो इंतज़ार न कर लेता !
ReplyDeleteहम जीते हैं इन्हीं पलों को लेकिन उतार नहीं पाते उसे शब्दों में दिल को छू गई बच्ची की बातें और आँखों का लाल होना . संजय भाई जी की ईमानदारी को लाख लाख प्रणाम साथ ही तुम्हें भी नमन बड़ी शिद्दत से पढ़ा है रही बात गाने की तो उसने भी शमा बाँध दिया
ReplyDeleteवाह, वाह-वाह.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर. सुनकर प्रफुल्लित हुआ मन
ReplyDeleteपढ़ा था, प्रभावित हुआ, अब सुन रहा हूँ..
ReplyDeleteमैं तब भी स्पीचलेस था और आज भी स्पीचलेस हूँ! मुझे तब भी एक वाकया याद आया था और आज भी याद आया.. मैंने तब भी कहा था कि लिख नहीं पाया और आज भी कह रहा हूँ कि लिख नहीं पाउँगा, शायद!!!
ReplyDeleteऔर पोडकास्ट के बारे में क्या कहूँ.. ट्रेडमार्क है तुम्हारा!!
वाह! मैं फिर सम्मोहित हुआ!
ReplyDeleteसुनना तो पढ़ने से भी अधिक गहराई में ले जाकर छोड़ देता है। आज फिर पढ़ा, याद ताजा हुई।
ReplyDeleteश्रवण ने पाठन सा ही रोमांचित किया !
ReplyDeleteबहुत प्रभावी लगा सुनना ..बहुत अच्छी आवाज और शैली भी ...बधाई ..
ReplyDeleteडा. रमा द्विवेदी
:))
ReplyDeleteआज कैसे उपर आई फेस बुक पर ये पोस्ट :)
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