१
स्वागत तेरा
आँगन आँगन में
मेरे बसन्त ...
२
पीली सरसों
और लाल पलाश
केशरिया मैं...
३
प्रीत उमगे
उर में साजन के
मैं शरमाउँ...
४
बसन्त आया
बिछ गई धरा पे
पीली चूनर...
५
कोयल बोले
आम के पेड पर
मधुर बोली...
६
पीली सरसों
चमक उठे खेत
महके मन..
७
मेरी कोयल
कूकती,चहकती
बसन्त संग...
और अब रविन्द्र संगीत--
इन हायकु को हाइगा के रूप मे बदलने के लिए ॠता शेखर‘मधु’ जी का आभार ...
स्वागत तेरा
आँगन आँगन में
मेरे बसन्त ...
२
पीली सरसों
और लाल पलाश
केशरिया मैं...
३
प्रीत उमगे
उर में साजन के
मैं शरमाउँ...
४
बसन्त आया
बिछ गई धरा पे
पीली चूनर...
५
कोयल बोले
आम के पेड पर
मधुर बोली...
६
पीली सरसों
चमक उठे खेत
महके मन..
७
मेरी कोयल
कूकती,चहकती
बसन्त संग...
और अब रविन्द्र संगीत--
इन हायकु को हाइगा के रूप मे बदलने के लिए ॠता शेखर‘मधु’ जी का आभार ...
बासन्ती हाइकू, सुन्दर संगीत..
ReplyDeleteबसंत का स्वागत करते बेहतरीन हाइकू,,बधाई
ReplyDeleteRECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...
सब बहुत खुबसूरत ....
ReplyDeleteबधाई !
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल रविवार 10-फरवरी-13 को चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है.
ReplyDeletechunar basanti pahan kar ,swagat basant ka kijiye,dil ke kone kone ko
ReplyDelete,pila pusp arpit kijiye,sundar rachna
बसंत का सुन्दर स्वागत , बढ़िया क्षणिकाएं |
ReplyDeleteसादर
बहुत सुंदर वासंती हाइकु
ReplyDeleteअलग से हाइकु
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ReplyDeleteबसंती हाइकु बहुत सुंदर फूलों जैसे वसंत पंचमी की शुभ कामनाए
बहुत सुन्दर हाइकू ... जैसे बसंत में जान डाल डी हो ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाइकु
ReplyDeleteबहुत बढ़ियाँ...
:-)
वाह ... बहुत ही बढिया
ReplyDeleteबासन्ती हाइकू, सुन्दर संगीत बधाई *****
ReplyDeleteवसंत ऋतु के स्वागत में बहुत खुबसूरत हाइकू .....
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