महिला दिवस पर विशेष :-
जीवन में,
सुखों और दुखों
के बीच
बिताए सुहाने पलों की खुमारी
वाईन की खुमारी से बेहतर है,
ऐसा नशा - कि
होश ही नहीं रहता ...
कभी देखें हैं तुमने
जीवन के इंद्र धनुषी रंग...
इनसे बिछड़ कर जीने का
मन नहीं होता कभी..
सारी रंगीन तसवीरें ..
साफ़ जो होती है ..
आईने की तरह....
चमकती है --
धूप की तरह...
..........
-अर्चना
वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteजीवन के बीते पलो की खुमारी याद आ जाने पर और चढ़ जाती है,,,
ReplyDeleteRecent post: रंग गुलाल है यारो,
सच है, संबंधों की शक्ति यही है।
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन एवं सार्थक प्रस्तुति.
ReplyDeleteखुबसूरत ही नहीं बहुत बेहतरीन पुरानी जमीं में दबी हमारे पुरखों की बने रिश्तों की शराब को नए यादगार चमकते शीशे के बोतल में छलकते तक भर दिया . वाह नशा छा गया
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