Friday, April 12, 2013

खाली दिमाग शैतान का घर !

इन दिनों वत्सल के पास मैसूर आई हुई हूँ ... कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है  :-) --- खुद को काम में इतना झौंक दो की दिमाग कभी खाली ही न रहे , साथ ही दादी की सुनाई एक कहानी याद आ रही है --
एक दयालू सेठजी थे ,कोई बाला-बच्चा नहीं था सेठानी के साथ मिलकर दाना-पुण्य का काम किया करते ,एक दिन उन्हें एक सपना आया ,सपने में भगवान मिले ,वे बहुत खुश थे सेठजी के दान-पुण्य के  कामकाज से ,बोले -वर मांगो ,सेठजी ने सोचा जब मुझसे मेरे काम नहीं होंगे तो कौन करेगा तो बोले एक ऐसा नौकर  दें दें जो मेरे सारे काम कर दिया करे मैं न रहूँ तो सेठानी के भी ,तथास्तु बोलकर भगवान तो विदा हो गए ,आँख खुली तो सपना सच हो गया था एक भूत /जिन्न/नौकर  हाजिर था सेठजी की सेवा में,सेठजी तो सपना भूल चुके थे, पूछा कौन हैं आप? क्या चाहते हैं? जिन्न बोला मुझे आपने मांगा है भगवान से -काम करवाने के लिए तो बस आप मुझे काम बताएं करना क्या है? मैं एक पल भी खाली नहीं रह सकता ,वरना मुझे कुछ खाने को देना होगा ,सेठ जी ने सोचा कितना करेगा आखिर थकेगा भी तो ... और बिस्तर उठाना, घर की सफाई करना, पानी लाना , काम बताए ... जिन्न जी ने चुटकी बजाई और काम खतम.... अब सेठजी एक काम बताते और दूसरा बताने को याद कराते .....सेठानी को भी पता चला ,कुछ काम  जो वो करती थी उसने भी बता दिये ... दुकान जाते समय साथ ले गए सेठजी, पर वहाँ भी वही हाल ......दिन भर में जब काम न हो तो खाना !!!! बेचारे सेठजी एक दिन में ही तंग आ गए सोचा कहाँ की परेशानी मोल ले ली, ...... अब सेठानी को आया गुस्सा उसने उपाय सोचा जिन्न से कहा एक सीढ़ी लाओ .... उसे छत के नीचे लगाओ ,उसपर से ऊपर चढ़ो और जब ऊपर पहुँच जाओ तो नीचे उतरो ,जब नीचे उतर जाओ तो फिर ऊपर चढ़ना जब तक की ऊपर से नीचे की और नीचे से ऊपर की सीढ़ी दिखना बंद न हो .......
और इस  तरह छुटकारा पाया ......खाली समय के नौकर से ....
तो अब बात ये कि खाली मैं  भी रह नहीं सकती इन दिनों वत्सल के पास मैसूर आई हुई हूँ- तो खाली समय में कुछ चित्र और उसके कमरे की दीवारों को ड्रा करने का प्रयास किया ... और ऐसे ही फेसबुक से दूर रहने का इंतजाम भी :-)
 कुछ प्रयास मेरे .... आप भी आनद लें ----







और ये फेसबुक से एक फोटो देखकर बनाया -- 



13 comments:

  1. फुर्सत में हैं तो चित्रकला के साथ-साथ 10-12 कहानियाँ भी रिकॉर्ड कर दीजिये।

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  2. सच में समय का सदुपयोग ..... बढ़िया लगे कहानी और चित्र

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  3. बहुत सुंदर ..
    चित्रकारी तो अच्‍छा कर लेती हैं आप !!

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  4. बहुत सुन्दर चित्र,

    एक कार्य और जोड़ लीजिये, हमारे घर पधारने का।

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  5. @प्रवीण जी - और जब आपके घर पधारें तब मुझे भी आप बुला लीजिये. :)

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  6. पाँव लागूं बुआ :) रचनात्मकता हमेशा मन मोहती है ...और अगर आप की हो तो बस फिर पूछने ही क्या !!! जय हो !!

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  7. सार्थक आलेख....साथ ही चित्र भी.....

    आपके ब्लॉग पर पहली बार आना सार्थक हो गया ..
    आभार...

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  8. खाली समय में समय का सदूउपयोग करना चाहिए,,सुंदर चित्र आभार अर्चना जी,
    Recent Post : अमन के लिए.

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  9. फोटो खीचना, बच्चों संग खेलना, गीत संगीत, घर का काम करना, यात्रा करना, अब पेंटिग करना, धीरे धीरे बावा की थैली से निकलते ज्ञान वाह क्या बात है ये सरस्वती पुत्री अर्चना का ही कमाल हो सकता है। चुप रहुं कि कह दूँ बधाई .नवरात्र की शुभकामना सहित ...

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  10. क्‍या बात है .... समय का सही सदुपयोग

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  11. Wah kya achchhi post hai.

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  12. मैंने अभी आपका ब्लॉग पढ़ा है, यह बहुत ही ज्ञानवर्धक और मददगार है।

    मैं एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हूँ

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