Sunday, June 9, 2013

ननिहाल ,मामाजी और पीपल मामा

गर्मी की छुट्टियाँ आए और ननिहाल न जाएँ सम्भव नहीं होता ...हाँ बचपन खूब सजा होता है नानी के घर की यादों से ,फिर हम बड़े होते जाते हैं,स्कूल-कॉलेज और अपने कार्यों में व्यस्त होने लगते हैं, और ननिहाल जाना सिर्फ़ उत्सव, त्योहारों शादी-ब्याह तक सिमट जाता है ,और जब घर की लड़की हो तो वो और भी दूर अपने घर में व्यस्त हो जाती है उसका अपना तो ननिहाल पीछे छूट जाता है ,बहुत पीछे....

ये है ननिहाल के आँगन का पीपल का पेड़... मेरे मामाजी से लेकर उनके पोते इसी की छ्त्रछाया में पले-बड़े हुए और आज भी इसकी हवा तरोताजा रखती है उन्हें...,बचपन से लेकर अब तक इनकी छाया में सुकून की नींद लेते हैं हम ...जब भी मौका मिलता है......मामाजी ने बताया कि ये पीपल भी उसी घर का लड़का है ,इसके जनेऊ भी किये हैं .और तो और...सुनने में आया है ,जिनकी दो शादी होगी ऐसा बता देते हैं पंडित * तो उन लड़कियों की इनसे शादी भी की गई है ...












 बूढ़े हो गए पीपल मामा भी अब ....

और ये रहे बड़े मामाजी श्री सुदामा शंकर सराफ़,फ़ुटबॉल के खेल के शौकीन....अभी पैर में फ़्रैक्चर हुआ है, तो बैठे हैं पलंग पर....


जब मैंने एक फोटो लिया तो बैठक में लगा अपना एक फोटो मंगवाया और दिखाया....

इस फोटो के बारे में पूछने पर बताया कि अपने बेटे के यहाँ इन्दौर गये कान के इलाज के लिए ,तो घूमते -घूमते राजवाड़ा पहुँच गये ,वहाँ एक बहुत फ़ेमस फोटोग्राफ़र की दूकान देखी तो मन हुआ कि एक फोटो खिंचवाई जाए... तब दाढ़ी बढ़ी हुई थी ...फोटोग्राफ़र ने कहा आ जाईये.... मामाजी बोले - बढ़िया आनी चाहिए कोट टाई के साथ ... फोटोग्राफ़र ने कहा कि पहन लिजीए कोट ... मामाजी बोले मेरे पास नहीं है कोट -टाई, तब फोटोग्राफ़र मुस्कूराया और अपने पास के कोट और टाई पहनाकर फोटो निकाला ,और जब फोटो उसने भी देखा तो खुश हो गया बोला -वाह क्या पोज दिया है .... गज़्ज़ब!..
केप तो उनकी अपनी हैं, हमेशा लगाए रखते हैं...


शीला मामी के साथ ..दोनों शिक्षक रहे ,अब रिटायर हैं... शादी की पचासवीं सालगिरह पर बहुत शुभकामनाएँ मामा-मामी को ....
और इस फोटो में मम्मी के साथ मामी-मामाजी उनकी चारों पुत्रियाँ (चारों शिक्षिकाएँ हैं ) साथ हैं- उनकी भाभी भी राईट साइड कार्नर में.....

 मामाजी ने मुझे उपहार में दी अपने संकलन से---


और आज ही नासिक से पहुँची हूँ इन्दौर .. यहाँ छोटी मौसी भी आई हुई हैं ...और जन्मदिन है आज उनका सत्तरवाँ तो लगे हाथ बधाई शशि मासी को भी ---

शुभकामनाएँ हम सबकी ओर से ....(फोटो अभी लिया स्पेशल जन्मदिन की बधाई देने को ).. :-)

9 comments:

  1. Dhanywad, sachitra kahani ke liye...

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  2. Dhanywad, sachitra kahani ke liye...

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  3. हमारे यहाँ पर एक नीम का पेड़ होता था...बहुत ही सुन्दर वर्णन।

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  4. बचपन की यादें सदैव साथ रहती हैं...बहुत रोचक प्रस्तुति...

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  5. बचपन की मधुर यादें, उन यादों में प्राण फूँकने वाले आत्मीय स्वजन और उन सुमधुर यादों से चहुँ ओर से आच्छादित ननिहाल का स्नेहिल सदन ! सबसे मिल कर बहुत अच्छा लगा अर्चना जी ! आपने बहुत कुछ याद दिला दिया पीछे छूटा हुआ !

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  6. मायका, ननिहाल और उससे जुडी यादें सबसे और प्यार रिश्ता माँ का भाई मामा , जन्म दिन एक नहीं दो सादर प्रणाम मेरे अपनों को और आभार परिचय करवाने का

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  7. सभी को बधाई, पीपल मामा को प्रणाम।

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  8. Happy birthday maasi ji 🙏❤

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