Sunday, July 28, 2013

आज हमारा जगराता है ....


एक गज़ल गिरीश पंकज जी के ब्लॉग सद्भावना दर्पण से सुनिए  ------------------
..............इनके बारे मे पढिये इस ब्लॉग पर.......

2 comments:

  1. सुन्दर रचना... सुमधुर स्वर!
    सुख दुःख का रिश्ता रागिनी की तरह बज उठा... अनुभव द्वारा उद्घाटित सत्य जो है!
    वाह!

    ReplyDelete
  2. गिरीश पंकज जी सहित आपको बधाई

    ReplyDelete