न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
मधुर व कर्णप्रिय संगीत, सुबह के लिये।
waah aanand aur sumadhur aawaz ke saath behatarin gane ko sunane ke liye aabhar nahin ji aap isi tarah gane sunate rahiye
वाह बहुत ही मधुर आवाज़ ...
मधुर व कर्णप्रिय संगीत, सुबह के लिये।
ReplyDeletewaah aanand aur sumadhur aawaz ke saath behatarin gane ko sunane ke liye aabhar nahin ji aap isi tarah gane sunate rahiye
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