नेहा ,मेरी बहू मेरे घर की पहली सदस्य जो पी एच डी करके डॉक्टर बनी है।
शादी अंतर्जातीय और अंतराज्यीय है , प्रेम होने पर ऑरेन्ज मैरिज !
जब 2012 में शादी करना तय हुआ तो उसे चिंता थी कि पढ़ाई करने देंगे या नहीं ससुराल से ,लेकिन मेरे परिवार में जब तक ,जिसे पढ़ना हो पढ़ते रह सकता है,ये पारिवारिक नियम है ।
शादी के दो माह पहले ही जॉब का ऑफर मिला बेटे को मैसूर से ,दोनों की दिशा एकदम विपरीत हो गई , एक जगह से दूसरी जगह रांची पहुँचना आसान नहीं,सफर समय लेने वाला और थका देने वाला खैर !समय पूरा हुआ और पढ़ाई भी ...
इस वर्ष डॉक्टर की डिग्री मिल जानी थी मगर तकनीकी खामियों के कारण कन्वोकेशन में नाम शामिल नहीं किया गया उसका नाम ...
खैर! जो होता है अच्छे के लिए होता है में मैं विश्वास करती हूँ ।
अब नेहा डॉक्टर है और हम सबको उस पर गर्व है ,आप सब भी आशीष दें कि आगे वो वही कर पाए जो उसका मन कहे ।
19 जनवरी को शादी की चौथी वर्षगाँठ मनाई ऑनलाइन !☺
न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
शुभकामनाएं
ReplyDeleteseetamni.blogspot.in
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (23-01-2016) को "विषाद की छाया में" (चर्चा अंक-2230) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
डॉ नेहा को शतशत शुभकामनायें। सास का मस्तक गर्व से ऊँचा करने के लिये।
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनाएँ
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