आज बहुत दिनों बाद हम बहनें साथ बैठ गप्पे लगा रही हैं,बात बात में बात चल पड़ी है कुछ लोगों की ,जिन्होंने हमसे उधार लिया मगर चुकाया नहीं,यहाँ तक कि खुद से तो वापस दिया या देने की बात भी नहीं करते बल्कि हमारे वापस माँगने पर भी ये उत्तर दिया या देते हैं कि -अभी नहीं हो पा रहा,परेशानी चल रही है बहुत...
खूब हँस रहे हैं हम ऐसे लोगों को याद करके, भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि उन लोगों को परेशानी से बाहर निकाले ...
एक सीख भी याद आ रही है -भूखे मरते मर जाना,पर कभी मांग कर नहीं खाना ।
ये माँगने की आदत एक बार लगी तो आदमी बेशरम हो जाता है,कई लोग अपनी जरूरतों की प्राथमिकता ही तय नहीं कर पाते, वरना भगवान ने किसी को कोई कमी नहीं रखी,अपने पास जितनी बड़ी चादर हो ,पैर उतने ही फैलाने चाहिए...
कई लोग तो ऐसे हैं,जिन पर दया आई और मुश्किल वक्त में उन्हें पैसे से मदद की लेकिन अच्छे वक्त में वे ही भूल चुके कि उधार लौटाना भी है।
हर रात सोने से पहले याद कीजिये किसी का कुछ उधार चुकाना तो नहीं है,अगर मन ना में जबाब दे तभी चैन से सोइये वरना अपना एक हितैषी खो देंगे आप ...👍
न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Very true based depiction .......... !! :)
ReplyDeleteकोई देकर भूल जाते हैं कोई लेकर भूल जाते हैं..इस दुनिया में सब तरह के लोग हैं..
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