मेरे मन की

न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"

Thursday, July 26, 2012

वाह! रे "मैं"

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मैं और तुम खुद ही की सोचते कई हैं ऐसे... करते काम सिर्फ़ स्व के लिए ही क्या बदलेगा!! कौन समझे? और समझाए भी करो खुद ही... खुद में खो...
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Saturday, July 21, 2012

परत दर परत

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कुछ दिनों से बहु के साथ हूँ रांची में उसकी नौकरी पर. आज पूरा एक महीना होने आया है घर से निकले. ये पहला मौका है जब इतनी बेफिक्री से इतने दि...
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Thursday, July 19, 2012

बदली और बारिश...

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मौसमों की राह नही तकती बदली मेरी पलकों में छुप जाती है जब भी उसका मन चाहे बिन मौसम ही बरस जाती है... पानी का मोल भी नहीं ज...
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Wednesday, July 18, 2012

फ़िर आया सावन...

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नन्हीं सी बूँदो                  तुम जो बरसोगी   धरा खिलेगी.. सावन आया पिया कहीं न जाना   झूला झूलेंगे.. छाते के नीचे फ़ुहारों...
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Sunday, July 15, 2012

सावन - एक गीत

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एक गीत देवेन्द्र पाण्डेय जी के ब्लॉग से-- गड़गड़ कड़कड़ कड़ उमड़ घुमड़ ...... http://yourlisten.com/Archana/sawan-devandra-pandey Share Music ...
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Wednesday, July 11, 2012

सत्यमेव जयते!!!

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रे !सूरज आधी सदी बीत गई... तुम मुझे झुलसाने की कोशिश करते रहे हो, मैं अब तक झुलसी नहीं... और आगे भी तुम्हारी सारी कोशिशें बेकार ...
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Monday, July 9, 2012

याद- पुरानी यादों की गठरी से ...

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राकेश खंडेलवाल जी का गीत-- फ़ूलों की पाखुर से . ........उनके ब्लॉग "गीतकार की कलम" से
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मैं खुद...

Archana Chaoji
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