मेरे मन की

न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"

Saturday, December 19, 2015

बच्ची

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एक बच्ची का हँसना एक बच्ची का रूठना एक बच्ची का चहकना एक बच्ची का खिलखिलाना एक बच्ची का नाचना एक बच्ची का थिरकना एक बच्ची का ठुमकना एक ...
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Friday, December 18, 2015

कबूतरों को उड़ाने से क्या ?

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चलते-चलते    नामक ब्लॉग लिखते हैं केवलराम . ...और ब्लॉग पर क्या-क्या लिखते हैं ये आप वहीं जाकर पढ़े तो बेहतर जान पाएंगे ये पोस्ट बहुत पहल...
Tuesday, December 15, 2015

मैं हूँ न!

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मैं तुम्हें यहाँ लाई थी  मेरी बिटिया  मेरी लाड़ो,  मुझे लगता था  इस घुटन भरी दुनिया के  कुछ बाशिन्दों को  जीने की वजह देने...
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Sunday, December 13, 2015

मधुर याद

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रात के उन लम्हों की बात बताउँ जिनमें मौन ही मैं सब बोल गई... एक-एक उलझन जो मन में थी  तेरे आगे सुलझाकर...
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Friday, December 11, 2015

जब मैं बड़ी हो जाउंगी ,तब मेरे पापा आएंगे

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चार -पाँच दिन पहले एक सड़क हादसे में एक परिवार के मुखिया की मॄत्यु हो गई ,नेज गति के डम्पर से टकरा गई थी उनकी कार ........  उनकी पत्नी,पिता ...
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Sunday, December 6, 2015

अनवरत चलने वाली कहानी का खूबसूरत पन्ना

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 जब मैंने स्कूल में कार्य करना शुरू किया उस समय मुझे पता नहीं था - मैं किस तरह कार्य करूँगी ... परिस्थितियाँ कुछ ऐसी बन गई थी कि मेरे सामने...
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ये बहुत आसान लगा मुझे -आप भी कर सकते है --किजीये कुछ नया---हर दिन...

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एक प्रयोग ये भी ---पहली बार किया है ,तकनिकी जानकारी बढने के बाद सुधार की गुंजाईश है.....अभी ये चलेगा न.....
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मैं खुद...

Archana Chaoji
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