कागज की कीताब से ,
कलम की दवात से,
खुशबू की गुलाब से,
हुस्न की शबाब से,
नींद की ख्वाब से
बेगम की नबाब से ,
हड्डियों की कबाब से,
सुई की सुराख से,
दवाई की खुराक से,
पैसो की हीसाब से,
सुरों की राग से ,
अकल्वरो की दीमाग से,
आतंकियों की नकाब से,
और आदमी की जमात से,
रब ने बना दी जोड़ी ।
2 comments:
WAH kya jodiya banayee hai aapne,
lekin kya aap ki jodi bani,agar ha to jor se kahiye
"RAB NE BANA DEE JODI"
AGAR NAHI to BANDA hajir hai.
विशाल जी,जोडियाँ तो रब ने बनाई है,माफ़ किजियेगा आप देर से आये।
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