मायरा -मम्मी आज मेरी मेडम ने कुछ लिख के दिया है, मेरे स्कूल में ग्रेंड पेरेंट्स डे है (चहकते हुए) सब बच्चों को अपने दादा,दादी,नाना,नानी के ही साथ स्कूल में आना है,पापा-मम्मी नहीं आ सकते उस दिन...
मायरा की माँ-अच्छा! मैं मेडम से बात कर लूँगी (ये सोचते हुए कि मायरा को क्या समझाना है)
अगले दिन टीचर से बात करने पर पता चला कि हां,सिर्फ दादा-दादी या नाना -नानी ही आ सकते हैं। ये बताने पर कि उसकी नानी अभी यहां नहीं है,टीचर कहती है-एक दिन के लिए बुला लीजिये (जो पॉसिबल नहीं है अभी)
इन दिनों मैं यहाँ परियों की देखभाल में व्यस्त हूँ...
दूसरे दिन मायरा की मम्मी मायरा को समझाते हुए-बेटा देखो !आपके साथ न मौसी दादी और मौसा दादाजी आएंगे स्कूल में,आपको कोई पूछे तो कहना कि आपके दादा-दादी और नानू आपको ऊपर से देख रहे हैं ,भगवान जी के पास से,और आपकी नानी आपकी दो-दो छोटी सिस्टर्स के पास उनको संभालने के लिए गई है ,अभी आ नहीं सकती ...
मायरा-मम्मी अपन भगवान जी से बोल देते हैं कि थोड़ी देर के लिए दादा-दादी को भेज देंगे, अपन प्रेयर करते हैं,मैं तो उनसे मिली भी नहीं हूँ😢
माँ के साथ पापा की आँखें भी नम हो आई😢...
अगले दिन मौसी दादी और मौसा दादा सारे काम कैंसल कर मायरा के स्कूल में थे ,मायरा ने पुराने गीतों पर परफॉर्मेंस दिया ...
मायरा प्यारी बच्ची ,बहुत समझदार दीदी बन गई हो,जब बड़ी हो जाओगी तो जानोगी तुम्हारे साथ सबसे ज्यादा दादा-दादी और नाना-नानी हैं और सबकी शुभकामनाएं भी ढेर सारी और सबके स्नेह भरे आशीष भी ढेर सारे ..
तो आओ मायरा पर स्नेहाशीष की बौछार कर बताएँ जरा 👍