सोई सोई करती मेरी रानी बेटी
नाम उसका यज्ञा, नाम उसका यशी...
लम्बी -सी एक ,जब आई उबासी
साथ ही वो लाई पलकों की दासी
आँखों में आई हल्के-हल्के झपकी
दादी गोद ले देने लगी उसे थपकी
ठंडी हवा का मीठा सा झोंका जो आया
काँधे पर बिटिया ने सर को टिकाया
ठहर गया उस पल को जग सारा
जब बिटिया ने किया बंद हुंकारा ....
सोई सोई करती मेरी रानी बेटी
नाम उसका यज्ञा, नाम उसका यशी...
-अर्चना (दादी)