न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
धन्य हुए. आभार आपका.
lajvab hai
दर्शन कराने के लिए धन्यवाद !!
आभार दर्शन कराने के लिये...ओम् नमः शिवाय
thanks alot ......shivrarti ki badhai
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5 comments:
धन्य हुए. आभार आपका.
lajvab hai
दर्शन कराने के लिए धन्यवाद !!
आभार दर्शन कराने के लिये...ओम् नमः शिवाय
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