न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे,
न ही किसी कविता के,
और न किसी कहानी या लेख को मै जानती,
बस जब भी और जो भी दिल मे आता है,
लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Friday, December 17, 2010
एक नजर इधर भी ------
आज यहाँ देखें ....थोडा सोचें....
क्या करना है ....
कैसे करना है .....
क्यॊ करना है .....
जानने के लिये देखते रहिये ...
कोई जल्द बाजी नहीं ........................ये काम का मामला है ....
8 comments:
खुब...शानदार
BAHUT BADIYA
बिलकुल सही जी कदम मिलते रहना चाहिये. धन्यवाद
वाह।
बहुत बढिया जी। बधाई।
बस यही कहेंगे-
शानदार... बेहद शानदार...
very nice/....
mere blog par bhi kabhi aaiye
Lyrics Mantra
बहुत बढिया।
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आपका सुनहरा भविष्यफल, सिर्फ आपके लिए।
खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्या जानते हैं?
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