कुछ दिन पहले एक पोस्ट लिखी थी आभासी रिश्तों के बारे में.....................और दूसरे ही दिन एक आभासी मित्र की पोस्ट की चोरी के बारे मे पढ़ा एक ब्लॉग पर......तबियत तो बहुत खराब थी पर मन नहीं माना..............उस पोस्ट की रिकार्डिंग की अपनी आवाज में ...................
अब ये सुनवाना था उनको जिनकी कि वो पोस्ट थी ......पर मेल आई डी न होने से उनके ब्लॉग पर सूचना दी..............तुरंत जबाब मिला साथ ही मेल आई डी भी.......फ़िर क्या था अनुमति लेने के लिए कि उनकी अनुमति हो तो ये पोस्ट उनको सुनवाना चाहते है जिनके बारे मे हैं..........एक मेल किया .....तबियत बहुत खराब है ---रहा नहीं गया...पोस्ट पढकर पर आप तो सुनिये .......बस फ़िर क्या था हुआ इस आभासी दुनिया का चमत्कार....................एक पॉड्कास्ट का मिला उपहार.......और बस ...हो गई एक नई पोस्ट तैयार......और आज बना फ़िर एक नया रिश्ता..........अभासी ......तो ......नहीं ही है .........
जी हाँ कल जिस आवाज को किसी ने पहचाना और किसी ने नही वो सलिल भाई की ही आवाज थी......जी हाँ सलिल भाई की .....
8 comments:
सच नही पहचान पाया
:)
bahut sundar
यह पोस्ट पढ़ी थी, आपकी आवाज में सुनकर आनन्द आ गया।
WAH KYA AAWAAZ HAI....
AATI SUNDER...AANAD AA GYA
Wah!Wah!Wah!
Aap ki bat karne ka tarika mujhe Bahut Pasant aaya aur mai aap ka follower bangaya. aaj pahle hi din. mai bhi ek blog likhne ka koshi kar raha hu. aap ka aashivad chahunga. www.maibolunga.blogspot.com
You made my day! bahut acha laga .
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