मन ही नहीं मानता-"वो" बहुत याद आते है,
कैसे समझाऊं इसे -ये आंसू इसी की गवाही देते है,
"उन्हें" भी जाना ही था तो पूरी तरह चले जाते,
हर दम सुबह-शाम यूं याद तो न आते,
"वो" चाहे भी तो लौट क़र नहीं आ पाएंगे,
न कोई ठौर या ठिकाना ही मालूम-
जहां "उन्हें" ढूँढने हम जा पाएंगे,
लोग कहते हैं -"ईश्वर" के पास चले गए,
अब तारा बनकर नजर आयेंगे,
"उन्हें" नहीं पता- हम उन्हें कैसे देख पायेंगे?
अगर वो आकाश में हों--तो हम पंछी बन उड़ जायेंगे,
अगर वो हवा में हों-- तो हम खुशबू बन बिखर जायेंगे,
बस उनकी एक झलक जो मिल जाए--
हम सब छोड़ दौड़े चले जायेंगे ......
20 comments:
bas dheeraj ek
saathee hai jab
ho vichhoh
haan tab
जो तुम्हारे बस में था तुमने किया,
जो तुम्हारा था नहीं, वह चल बसा
तुमसे ज़्यादा थी ज़रूरत उसकी
उस परमात्मा को
वो जहाँ है, है सुखी, सब देखता है
वत्सला हो तुम
सहा तुमने बहुत
पल्लवी बनकर बिखेरी छाँव है,
है वो जाने वाला क्षिति,जल में छिपा
है वही पावक,गगन व समीर में
सोचती हो क्यों कि तुमसे दूर है
आत्मा है वो और तू शरीर है!
समर्पण, आग्रह की विशेष अवस्था।
shi khaa yad fir uski tdpn ashniy pidaa hoti he or fir is pidaa ko shbdon men ukernaa bhut bdhi jadugri he jo aapne kr dikhaya he mubark ho bhn ji . akhtar khan akela kota rajsthan
जाते हैं जाने कौन नगरिया...
आये ख़त न, कोइ खबरिया...
sundar , bahut sundar
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
वाह जी बहुत सुंदर रचना धन्यवाद
अगर वो हवा में हों--
तो हम खुशबू बन बिखर जायेंगे,
बस उनकी एक झलक जो मिल जाए--
हम सब छोड़ दौड़े चले जायेंगे ......
जाने क्यों प्रिय लोग क्यूं हमसें यूँ बिछुड़ जाते हैं ।
बहुत सुन्दर मार्मिक प्रस्तुति..
सुन्दर भाव पूर्ण रचना.
बहुत सुंदर रचना
धन्यवाद
बहुत सुन्दर मार्मिक प्रस्तुति
बढ़िया और बहुत प्यारी रचना हमारे अपनों की याद में....
Mystique.
कुछ बातें सिर्फ़ महसूस की जा सकती हैं।
great remembrance.
भाव विभोर करने वाली प्रस्तुति ...बहुत बढ़िया ..शुक्रिया
:(
speechless ! bahut man bhar jane vali yaad sunil jajan bhi hain aap ko dekh rahay hain .
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