एक बेहद साधारण पाठक... जिसकी अपनी पहचान है ...सबसे जुदा भीड़ में अलग-सा .......फ़िलहाल खुद अध्ययन में व्यस्त ...अभी बिना ब्लॉग वाला ब्लॉगर -क्यों कि उस पर आए प्रश्नों के उत्तर देने का समय नहीं मिलता उसे और बिना उत्तर दिये रह नहीं पाता ..आदत है......(आदत से तो सभी लाचार हैं यहाँ ) :-)
..और जिसके अनुसार सुबह-सुबह बढ़िया नाश्ता पेट के लिए और संगीत मस्तिष्क के लिए जरूरी ...
तो सुनिए उसकी पसंद के सात गीत सात भाषाओं के
राजस्थानी
तेलुगु
तमिल
हिंदी
बंगाली
अंग्रेजी
पंजाबी
अंत में आईरिश गीत की बाँसुरी पर धुन
..और जिसके अनुसार सुबह-सुबह बढ़िया नाश्ता पेट के लिए और संगीत मस्तिष्क के लिए जरूरी ...
जिसकी यही बात अच्छी लगती है- सबसे अलग हट कर कुछ करने की
मुझे ‘दीदी’ कह देने पर उस पर अड़े रहना भी...:-) तो सुनिए उसकी पसंद के सात गीत सात भाषाओं के
राजस्थानी
तेलुगु
तमिल
हिंदी
बंगाली
अंग्रेजी
पंजाबी
अंत में आईरिश गीत की बाँसुरी पर धुन
5 comments:
अहा, संगीत की मधुर भाषा।
ये हक़ीक़त में तो असाधारण पाठक चिंतक है।
संगीत के प्रति इनका असाधारण आत्मगौरव झलकता है।
गौरव और न जाने इसके साथ जुड़े कितने ही और नामों से इनको देखा है.. हाँ इनको पहचाना सिर्फ इस कारण से कि इन्होंने अपनी प्रोफाइल तस्वीर नहीं बदली कभी भी.. कभी इनके संडे के फंडे भी पढ़ा करता था.. लेकिन अपना ज्ञान इनके दर्शन के आगे बहुत ही ही छोटा लगा (ये बिलकुल ईमानदारी से इश्वर को हाज़िर नाज़िर जानकर कह रहा हूँ)...
आज उनकी पसंद के इन्द्रधनुषी गीतों को सुनकर/देखकर दिल खुश हो गया.. खासकर इसलिए कि इसमें मेरा पसंदीदा बांग्ला गाना है और सेलिन डायोन का नाग्रेज़ी गाना.. तो सात रंगों में से मैंने अपने दो रंग छांट लिए!!
मैं भी नए-पुराने सभी अच्छे गीतों का बहुत बड़ा शौक़ीन हूँ | वाकई बहुत अच्छे गीत |
सादर
संगीत के लिए भाषाओं का क्या बंधन?
बेहतरीन!
आभार।
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