कविता जी इन्दौर में ही रहती हैं ,पर कभी मुलाकात नहीं हुई उनसे मेरी .... आज एक कहानी कविता जी की उनके ब्लॉग - कहानी Kahani से ....शीर्षक है --"सगा-सौतेला" ......कहानी का अन्त पढ़ते-पढ़ते गला रूंध गया ..... इसके पात्र गोपाल भैया के मन में क्या हो रहा होगा ,यही विचार मन में आ गए थे .... आप सुनिए ...
2 comments:
bahut khoob tareeke se aapne kahani kahi hai ..kahani se aapka judaav spasht mahsoos hota hai ...bahut bahut abhar ..
मर्मस्पर्शी प्रस्तुति .....
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