Saturday, December 19, 2015

बच्ची

एक बच्ची का हँसना
एक बच्ची का रूठना
एक बच्ची का चहकना
एक बच्ची का खिलखिलाना
एक बच्ची का नाचना
एक बच्ची का थिरकना
एक बच्ची का ठुमकना
एक बच्ची का मुस्कुराना
एक बच्ची का उठना
एक बच्ची का चलना
एक बच्ची का खेलना
एक बच्ची का संभलना
देखा है कभी तुमने?

एक बच्ची का रोना
एक बच्ची का घुटना
एक बच्ची का तड़पना
एक बच्ची का सिसकना
एक बच्ची का खोना
एक बच्ची का टूटना
एक बच्ची का बिछड़ना
एक बच्ची का मचलना
एक बच्ची का बचना
एक बच्ची का मरना
एक बच्ची का गिरना
एक बच्ची का बिगड़ना
आखिर चाहते क्या हो?

2 comments:

Onkar said...

सुन्दर प्रस्तुति

कविता रावत said...

बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना
आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!