Monday, January 18, 2021

सफेद

सफ़ेद...
जब हो रही थी रंगों की बारिश 
मेरे ऊपर सफ़ेद रंग गिरा
तुम्हें पता है ?-
सफ़ेद रंग सारे रंगों से मिलकर 
उन्हें हल्का कर देता है!
जैसे क्रोध के साथ धैर्य
और घृणा के साथ प्रेम
सारे रंग समा जाते हैं- सफ़ेद में,
बिना किसी बहस के 
और इसलिए चमकता है
सिर्फ़ सफ़ेद, झक सफ़ेद...

- अर्चना

पा

4 comments:

Dr (Miss) Sharad Singh said...

सुंदर भावाभिव्यक्ति 🌹🙏🌹

अनीता सैनी said...

बहुत ही सुंदर सृजन।
सादर

Shantanu Sanyal शांतनु सान्याल said...

सुन्दर सृजन।

SANDEEP KUMAR SHARMA said...

सफ़ेद रंग सारे रंगों से मिलकर
उन्हें हल्का कर देता है!
जैसे क्रोध के साथ धैर्य
और घृणा के साथ प्रेम----बहुत अच्छी पंक्तियां हैं...वाह।