सफ़ेद...
जब हो रही थी रंगों की बारिश
मेरे ऊपर सफ़ेद रंग गिरा
तुम्हें पता है ?-
सफ़ेद रंग सारे रंगों से मिलकर
उन्हें हल्का कर देता है!
जैसे क्रोध के साथ धैर्य
और घृणा के साथ प्रेम
सारे रंग समा जाते हैं- सफ़ेद में,
बिना किसी बहस के
और इसलिए चमकता है
सिर्फ़ सफ़ेद, झक सफ़ेद...
- अर्चना
4 comments:
सुंदर भावाभिव्यक्ति 🌹🙏🌹
बहुत ही सुंदर सृजन।
सादर
सुन्दर सृजन।
सफ़ेद रंग सारे रंगों से मिलकर
उन्हें हल्का कर देता है!
जैसे क्रोध के साथ धैर्य
और घृणा के साथ प्रेम----बहुत अच्छी पंक्तियां हैं...वाह।
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