Tuesday, March 8, 2022

अरे मेरी प्यारी सखियों

आज अपने काम में बहुत व्यस्त रही, अभी सबको शुभकामनाएं महिला दिवस की।

आप सभी सदा अपनी शर्तों पर अपना जीवन जीती रहें, 
चलती रहें अपने बनाए पथ पर 
और देती रहें अपनी संस्कृती अपने हाथों अपनी संतानों को
रास्ते के रोड़े हटाती रहें
अपनी ठोकरों से,
अपनी विनम्रता में छुपाए रखें 
अपनी अग्नि जिसमें भस्म कर सकें 
तमाम भस्मासुरों को
मुस्कुराहट में छुपाए रखें अपनी दया,करुणा और ममता
सहजता से राज करें इस और उस पूरी दुनिया पर 👍👍👍

अर्चना (आज का टास्क)

10 comments:

Meena sharma said...

आपको भी महिला दिवस की शुभकामनाएँ दीदी।

Archana Chaoji said...

धन्यवाद

अनीता सैनी said...
This comment has been removed by the author.
Onkar said...

बेहतरीन

गोपेश मोहन जैसवाल said...

अर्चना जी, दया, करुणा, ममता और विनम्रता ही क्यों? स्त्री के जीवन के साथ, उसके गुणों में, त्याग और बलिदान भी जोड़ दीजिए.
गुणों का लैंगिक भी विभाजन हो तो स्त्री-पुरुष की समानता का तो स्वप्न देखना भी बेमानी होगा.

Anita said...

महिला दिवस पर सुंदर सृजन

मन की वीणा said...

सुंदर सृजन।
महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
नारी का द्वंद्व अगर नारी से हो तो किस की शर्तें मान्य होगी।
कौन सही कौन गलत कैसे सिद्ध होगी???

Amrita Tanmay said...

बहुत ही बढ़िया टास्क।

Sweta sinha said...

बहुत अच्छी रचना।

सादर।

जिज्ञासा सिंह said...

महिला दिवस पर सराहनीय रचना ।