Friday, July 30, 2010

हिन्दी----------------या मराठी------------------------------या फ़िर गुजराती-----------क्या सुनेंगे आप----???

सीखने को नहीं मिला --------------पर गाने का जूनून हमें यहाँ तक ले आया---------------------

१---हिन्दी -----देवेन्द्र पाठक(भाई)



मराठी--- रचना बजाज (बहन)


गुजराती--- अर्चना चावजी (मैं)
विशेष:-- ये गीत सागर नाहर जी के ब्लॉग पर सुना था मैने उनका आभार !!!

Monday, July 26, 2010

दीप शिखा ......................झिलमिल...................................

आज सुनिए गिरीश बिल्लोरे "मुकुल" जी का लिखा एक गीत मेरी आवाज में------------------इसे मैने इस ब्लॉग से गाया............

Saturday, July 24, 2010

जो तुम........................

आज सुनिये महादेवी वर्मा जी का एक विरह गीत......................................




Friday, July 23, 2010

आज सुयश का जन्मदिन है.................................

आज सुयश(मेरा भतीजा) का जन्मदिन है ------सुयश से पहले मिलवा चुकी हूँ मै आपको.................इस हास्य फ़ुहार करने वाले कलाकार की कुछ और खासियत से आपका परिचय करवाती हूँ..........सुनिए  सुयश की मीठी (कॉन्फ़िडेंट)आवाज........................... और दिजिये उसे आशिर्वाद----उसके जन्मदिन पर.............

सुयश का परिचय और  कविता पाठ-------



कॉन्फ़िडेंस गजब का------------




Wednesday, July 21, 2010

कोई तो बताओ !!!


(आज एक पुरानी पोस्ट )------















जबसे लिखने का बीडा उठाया है,
थोड़ा सा भी चैन नहीं पाया है ।
विचारों के तंतु मेरा सर फाड़ते हैं,
और विषय मेरे चारों ओर दहाड़ते हैं।
शब्दों के भंवर में मैं घुमे जा रही हूँ ,
न तो शुरुआत का ,न ही अंत का कोई छोर पा रही हूँ ।
गाँधीजी के तीन बन्दर नजर आ रहे हैं ,
और आज के समयानुसार अपने अर्थ बता रहे हैं।
१- किसी और की मत सुन -कान बंद कर ,
२-जो कुछ हो रहा है होने दे -आँखे बंद कर ,
३-सब कुछ सहता जा -चुप रह ।
भला ये भी कोई अर्थ हुआ ?
एक तरफ़ खाई है तो दूसरी तरफ़ कुआं ।
अब किससे कहें ?,और क्या-क्या सहें ,
समझ नही पाती कहाँ डूबे और कहाँ बहें ?
आओ जरा इन विषयों पर नजर दौडाएं,
फ़िर अपनी बात को आगे बढायें --
अफसरों की कमाई / घोटालों की सफाई ,
चौराहों की शराब दुकाने / नशेडियों के अड्डे -ठिकाने ,
स्कूल -कॉलेजों की बढ़ती फीस / मध्यमवर्गीय लोगो की टीस,
काम करते बच्चे / पुल या मकान कच्चे,
विजेन्दर के मुक्कों की ताकत /लिम्बाराम की माली हालत ,

वॄद्धाश्रम में रहते दादा-दादी /नातीयों को पालते नाना-नानी ,
टूटते सपने /बिछड़ते अपने ,
इंसानियत का खून /हैवानियत का जूनून ,
सुबह की टेम्परेरी जोगींग या नेट पर की जाने वाली ब्लोगींग ।
किस पर लीखूं ,किस पर न ली्खूं ?
अब तक तो चुप थी, क्या अब भी सीखूं ?????????????????

Saturday, July 17, 2010

White -----------पेंटिंग .....................सफेदी .................कविता



WHITE--------ये शीर्षक दिया है वत्सल ने अपनी पेंटिंग को और साथ में ये लाईन------------
So its the color white a combination of all the colors...:-)-----by Vatsal 


सफेदी ..........मेरी कविता .......


लाल मिले जब पीले से -----केसरिया बन जाए,


केसरिया की छटा निराली ----पा- गगन इतराए,


लाल -धवल मिल बने गुलाबी ---- मदहोशी दिखलाए,


पीला मिले जब नीले से ---- हरियाली छा जाए ,


हरा रंग जब छाए धरती पर ---मन झूम-झूम जाए,


मन झूमे तो झूमे जीवन ---खुशहाली छा जाए,


काले संग जब लाल मिलाए --- लाली ही खो जाए,


लाली जब खोए जीवन से .......रंग धवल छा जाए ..........