न गज़ल के बारे में कुछ पता है मुझे, न ही किसी कविता के, और न किसी कहानी या लेख को मै जानती, बस जब भी और जो भी दिल मे आता है, लिख देती हूँ "मेरे मन की"
Sunday, April 25, 2021
Wednesday, April 14, 2021
Monday, February 15, 2021
शुभकामनाएं निशी
ऐ! छुटकी बंजारन
रूहानी मौलिमणी!
या कहूँ-मौली दी
धड़कन रोक देती है
तेरी वात्सल्य भरी
अक्षरों में पगी पोटली
प्रेम,प्यार,दुलार
और तेरा मनुहार
सदा शरारत को
छुपा लेता है तेरी
सच! कोई धैर्य रखे
तो कितना?
और विश्वास भी करे
तो कैसे?
तेरा मंतव्य तो
मंज़िल पाने का होता है
और हम भ्रम में
"दीदी" का सहारा
बनने की ख्वाहिश में
हिमालय की चोटी से
धरा पर आ गिरते हैं ....
जरूर तुझमें
ॐ का तत्व छुपा है
माँ की दुआएं तेरे साथ है...
ग़म और विरह
में जकड़ी मैंं ठूँठ -सी
संदेश समझ न पाई तेरा
आह!...
मनुष्यता की सफ़ल सलाया
तेरी जिजीविषा से
खिल उठा मेरा भी
संतोषी गुलमोहर
अनुपम..
आप कहूँ या आत्मन!
मेरी दी ... छुटकी स्वच्छंद बंजारन ....
जीयो जीयो .....खूब जीयो ...
(निशी के जन्मदिन पर उसे समर्पित )
Wednesday, February 3, 2021
चाय और हम
चाय घर पर 6 लोगों के लिए
1...मेरे लिए बिना शक्कर, आधा कप
2...मेरे लिए कम शक्कर ,ज्यादा दूध ,पूरा कप
3...मेरे लिए कम शक्कर,कम दूध,बड़े वाला कप
4...मेरे लिए शक्कर ज्यादा ,प्लेट के साथ कप
5...और 6 को जैसी और जितनी बार बनी किसी भी कप में चल जाती है हमेशा 😁
चाय घर से बाहर वही 6लोग
1...नहीं
2...नहीं
3...चलेगी
4...चलेगी आधा
5 और 6 हां चलेगी ...😁😁
Saturday, January 30, 2021
जॉइंट फेमिली
हम पांच भाई बहन
हमारे परिवार ने साथ साथ कई कठिनाइयों को पार किया
परिवार ने हादसे भी झेले और पारिवारिक क्षति भी।
एक लंबा समय गुजारा दुःख के साथ ...
फिर भी सकारात्मकता की शिक्षा हमारा संबल बनी रही है।
समय समय पर परिवार बिना किसी त्यौहार या कार्यक्रम का इंतजार किए बिना एकजुट हो जाता है,फिर भी एक दो सदस्य किसी कारणवश छूट है जाते हैं,
किसी भी पारिवारिक सदस्य के अचानक बुलावे पर हर संभव इकट्ठा होने की कोशिश करते हैं ।
इस बार ये मौका फिर आया और परिवार के पांच सदस्य नहीं आ पाए।
कोरोना काल के बीच भी सब सावधानी रखते हुए हमने कोशिश की सबको इस डरावने माहौल से बाहर ले आने की
फिर जल्दी मिलेंगे अच्छी यादें संजोने
इस बार स्पेशल ड्रेस कोड भी रखा ।
Tuesday, January 19, 2021
शुभकामनाएं
शादी की नवीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं
सुनने वाला विरला ही कोई सुन पाता है ...
बुनी जाती हैं सबकी फ़ंदा दर फ़ंदा जिंदगी
पर जिस तरह आँखे बुनती है विरला ही कोई बुन पाता है...
संगीत की लय पर थिरक जाये आत्मा अपनी
ऐसी मधुरतम लय विरला ही कोई गुन पाता है...
और बेमतलब साथ अपने चल सके दूर तक कोई
ऐसा साथी जीवन में विरला ही कोई चुन पाता है ....
Monday, January 18, 2021
सफेद
सफ़ेद...
जब हो रही थी रंगों की बारिश
मेरे ऊपर सफ़ेद रंग गिरा
तुम्हें पता है ?-
सफ़ेद रंग सारे रंगों से मिलकर
उन्हें हल्का कर देता है!
जैसे क्रोध के साथ धैर्य
और घृणा के साथ प्रेम
सारे रंग समा जाते हैं- सफ़ेद में,
बिना किसी बहस के
और इसलिए चमकता है
सिर्फ़ सफ़ेद, झक सफ़ेद...
- अर्चना
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