Sunday, June 21, 2009

छोटी-छोटी कविताएँ

१----- जानकारी
अभी तक यही सुनने में आया है---
कि जानकारी के अभाव में लोगों ने अपना समय और पैसा गंवाया है ,
तो हम क्यों जानकारों से करें विनती--- वे सभी को बताएँ---
कि उन्होंने अपना समय और पैसे कैसे बचाए ???


२-----इन्द्र्धनुष
आसमान में रोज नये रंग बनते हैं ,
सूरज भी उगता है और बादल भी छँटते हैं ,
सुख और दुख के बीच हर एक के दिन कटते हैं ,
मिलजुल कर रहें तो ये दोनों आपस में बँटते हैं

३-----हँसी
बातें करो थोडी-थोडी ,
हों वो छोटी , ना हों बडी ,
मुस्कुराओ जैसे बूंदों की लडी ,
हँसो जैसे सावन की झडी


४-----मदद
ऐसी बारिश हो कि कोई नदी सूखे ,
ऐसा वातावरण दो कि कोई दुख मे डूबे ,
खुद भी सीखो दूसरों को भी सिखाओ ,
अपना तो ठीक है, औरों का जीवन बनाओ


५-----गम
मन का दरवाजा खोल दे ,
सपनों पर जमीं धूल उड जायेगी ,
कडवी यादों का अफ़साना बोल दे ,
आंसू बहाने की आदत छूट जायेगी

16 comments:

Anonymous said...

बहुत सुन्दर ..

M Verma said...

मुस्कुराओ जैसे बूंदों की लडी ,
हँसो जैसे सावन की झडी ।
bahut achchha

Manish Kumar said...

सहज शब्दों में न्यारी बातें कह दी हैं आपने इन क्षणिकाओं में।

mehek said...

बातें करो थोडी-थोडी ,
हों वो छोटी , ना हों बडी ,
मुस्कुराओ जैसे बूंदों की लडी ,
हँसो जैसे सावन की झडी ।

bahut hi sunder lagi yeh aur baki bhi,badhai.

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सुंदर कवितायेँ.

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत सुन्दर!!

ओम आर्य said...

bahut hi sundar chhoti kavitaye .......jisame bhawo ki dhara hai......

समय चक्र said...

बहुत सुन्दर छोटी छोटी रचनाये है . पढ़कर बहुत अच्छा फील हुआ. बधाई . लिखती रहिये.

Archana Chaoji said...

धन्यवाद आप सभी का इन छोटी कविताओं को सराहने के लिए!!!!!

अनूप शुक्ल said...

सुन्दर! लिखना जारी रखें!

vanshaj said...

sari ki sari bekar poems hain
kisi ko kuchch likhna nahin aata
kavitaa likhenge hunn!!

Girish Kumar Billore said...

vanshaj
वंशज जी आपकी सोच अनुसार कविता कैसी हो आप क्या चाहते हैं

elegant monster said...

really nice ,
very realistic..
keep writing ..

AditiBloom said...
This comment has been removed by the author.
AditiBloom said...

Jo log khud bekaar hote hain, aur khud kuchh nahi kar sakte unhe har acchhi cheez bekar kagti hai......
.
.
for vanshaj

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर..