बहुत ही कठिन गाना...................पर.................कोशिश की है..................क्योंकि बहुत पसंद है मुझे..............आप भी सुनिए..................अच्छा न लगे तो भी बताएं..............यानि नापसंद पर एक चटका.............जरूरी नहीं सब पसंद करें......................
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11 comments:
"ये कैसा सुर मंदिर है जिसमे संगीत नहीं. गीत लिखे दीवारों पे गाने की रीत नहीं" वाह ! बहुत ही बढ़िया. अच्छी आवाज़.
bahut sundar panktiya thi geet ki aur aapne unhe sajeev kar diya....
आपकी आवाज बेमिसाल है
बहुत मधुर आवाज धन्यवाद
बहुत बढ़िया गीत, वैसा ही बढिया गायन, बधाई!
इतना बढ़िया तो गाया है, इसमें कैसे लगायें नापसंदगी का चटका. :)
बहुत उत्तम!! और सुनाओ कोई गीत!!
बहुत मधुर आवाज धन्यवाद
कित्ता प्यारा गीत है...
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पाखी की दुनिया में 'मुंडा पहाड़ बीच पर मस्ती'
निःसंदेह अच्छा गाया मैम पर चटके वाला डब्बा है कहाँ ब्लॉग पर?
आप सभी का आभार.......
आवाज यकीनन सुन्दर है, मिठास भी है पर अगर साथ में वाद्ययंत्र भी बजता तो और भी सुन्दर लगता।
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