आज सुनिए रचना की आवाज में मन्नाडे द्वारा फ़िल्म "नई उमर की नई फ़सल " के लिए गाई गई एक कविता जिसे हमने पहली बार सुना और देखा ज्ञान दर्पण पर जिसे रतनसिंह शेखावत जी ने प्रस्तुत किया था। विस्तॄत रूप से कविता पढिये व विडियो देखिये ब्लॉग ज्ञान दर्पण पर..
हम सहॄदय आभारी है शेखावत जी के ---इस रचना से रूबरू करवाने के लिए..
हम सहॄदय आभारी है शेखावत जी के ---इस रचना से रूबरू करवाने के लिए..
10 comments:
मधुर आवाज मे सुंदर रचना सुनाने के लिये आप का धन्यवाद
sundar aawaj ke sath rachna bhi
बहुत बढ़िया प्रयास | मधुर आवाज में इस कविता को स्वर देने के लिए रचना को हार्दिक धन्यवाद |
आपने गाने के लिए सुन्दर रचना का चयन किया है!
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मधुर स्वर!
बहुत सुन्दर...मधुर स्वर...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
अद्भुत है कुर्बानी
जय हो जय हो हाड़ी रानी
बहुत सुन्दर
आनन्द आ गया...अद्भुत गीत!
बहुत बेहतरीन गीत की मांग के अनुसार गायन!!
मधुरम्।
......मधुर आवाज
WAH
ATI SUNDAR RACANAA JEE
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
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आपको, आपके परिवार और सभी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
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