Tuesday, November 2, 2010

हाड़ी रानी --रचना की आवाज में

आज सुनिए रचना की आवाज में मन्नाडे द्वारा फ़िल्म "नई उमर की नई फ़सल " के लिए गाई गई एक कविता जिसे हमने पहली बार सुना और देखा ज्ञान दर्पण  पर जिसे रतनसिंह शेखावत जी ने प्रस्तुत किया था। विस्तॄत रूप से कविता पढिये व विडियो देखिये ब्लॉग  ज्ञान दर्पण पर..




 हम सहॄदय आभारी है शेखावत जी के ---इस रचना से रूबरू करवाने के लिए..

10 comments:

राज भाटिय़ा said...

मधुर आवाज मे सुंदर रचना सुनाने के लिये आप का धन्यवाद

संजय कुमार चौरसिया said...

sundar aawaj ke sath rachna bhi

Gyan Darpan said...

बहुत बढ़िया प्रयास | मधुर आवाज में इस कविता को स्वर देने के लिए रचना को हार्दिक धन्यवाद |

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपने गाने के लिए सुन्दर रचना का चयन किया है!
--
मधुर स्वर!

फ़िरदौस ख़ान said...

बहुत सुन्दर...मधुर स्वर...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

Udan Tashtari said...

अद्भुत है कुर्बानी
जय हो जय हो हाड़ी रानी
बहुत सुन्दर
आनन्द आ गया...अद्भुत गीत!

बहुत बेहतरीन गीत की मांग के अनुसार गायन!!

प्रवीण पाण्डेय said...

मधुरम्।

संजय भास्‍कर said...

......मधुर आवाज

Girish Kumar Billore said...

WAH
ATI SUNDAR RACANAA JEE
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

एक बेहद साधारण पाठक said...

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आपको, आपके परिवार और सभी पाठकों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं ....
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