पैसा कमाएं और खूब कमाएं............
ये आपकी जरूरत और हक है,
मगर ...कभी भी कमाया पैसा --व्यर्थ न गंवाएं.....
राह दिखाएं और खूब दिखाएं...........
ये आपकी जिम्मेदारी और कर्तव्य है ,
पर कभी भी किसी को --गुमराह न करें......
हाथ थामें और साथ चलें..........
ये आपका फैसला और शौक है ,
पर कभी भी किसी को --मझधार मे न छोड़े..........
5 comments:
सीख देती बढ़िया रचना
दिशा दिखाती,
भाव जगाती।
आज अच्छी कमाई हो गई इन सूक्तियों के रूप में,इसे व्यर्थ गँवाना नहीं है!
आपने जो राह दिखाई वह प्रकाश स्तम्भ की तरह है.इसे आगे प्रसारित करना गुमराह होने से बचाना होगा.
आशा है आप मूझधार में नहीं छोड़ेंगी और इसी तरह हम सभी पाठकों को नित नवीन पढ़्ने/सुनने को प्रस्तुत करेंगी!!
बहुत अच्छा लगा रचना जी!!
सूत्र वाक की तरह है यह
मगर ...कभी भी कमाया पैसा --व्यर्थ न गंवाएं.....
पर कभी भी किसी को --गुमराह न करें......
पर कभी भी किसी को --मझधार मे न छोड़े.........
आपकी तीनों बातें अमरवाणी की तरह ....लेकिन शीर्षक कटाक्ष करता हुआ
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